बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 शिक्षाशास्त्र - शैक्षिक आकलन बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 शिक्षाशास्त्र - शैक्षिक आकलनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 शिक्षाशास्त्र - शैक्षिक आकलन - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- सतत् तथा व्यापक मूल्यांकन का क्या महत्त्व है? वर्णन कीजिए।
उत्तर -
वार्षिक परीक्षा परिणामों से छात्रों के विकास का अनुमान लगाया जा सकता है। परंतु उनके बौद्धिक ज्ञान के साथ-साथ दैनिक, साप्ताहिक, मासिक, सामाजिक, सामुदायिक, व्यावहारिक गतिविधियों और शारीरिक उपलब्धियों का सही निरीक्षण, परीक्षण नहीं किया जा सकता है। अध्यापकों और अभिभावकों को पूरा वर्ष बीत जाने के बाद परीक्षा के परिणाम से केवल बौद्धिक उपलब्धि का ही पता चलता था। परंतु आज के वैज्ञानिक युग में बालक के सतत् और व्यापक परीक्षणों से संपूर्ण सर्वांगीण विकास का पता लगाना अनिवार्य है।
महात्मा गांधी जी की केवल शैक्षिक उपलब्धि को देखा जाय तो सामान्य ही थी, परंतु उनके व्यक्तिगत व्यक्तित्व, सामाजिक, सामुदायिक, राजनैतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और व्यावहारिक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धियों के कारण वह विश्व के महान महापरुष और विश्व शांति के पुजारी थे। यह मूल्यांकन सतत् और व्यापक सर्वेक्षण, निरीक्षण से ही किया जा सकता है।
कल्पना चावला का लिखित परीक्षण से मूल्यांकन करना आंशिक मूल्यांकन है। परंतु उसके दैनिक, साप्ताहिक, मासिक और वार्षिक परीक्षण की उपलब्धियों से उत्साहित होकर त्रुटियों को दूर करते हुए आगे बढ़ने के अवसर मिलने से उनका सर्वांगीण विकास हुआ, जिससे कम आयु में उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्पर्द्धा में श्रेष्ठ स्थान प्राप्त किया।
सतत् निरीक्षण से विद्यार्थियों और अध्यापकों की शैक्षिक समस्याओं, कठिनाइयों को दूर करके सही दिशा और निर्देशों से सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रदर्शित किया जाता है।
मूल्यांकन से पाठ्यक्रम में आवश्यकतानुसार परिवर्तन, सुधार करने के संकेत प्राप्त होते हैं, क्योंकि पाठ्यक्रम तत्कालीन वातावरण, परिस्थितियों और सामाजिक, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय आवश्यकताओं के अनुकूल प्रस्तुत किया जाता है।
मूल्यांकन से अध्यापकों को अध्यापन में सफलता, असफलता, त्रुटियों का आभास हो जाता है, इसलिए सफल अध्यापक विधियों और अनुभवों से प्रशिक्षण में सफलता प्राप्त करता है।
सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन से स्वयं विद्यार्थियों को भी सफलता और असफलता का आभास हो जाता है। विद्यार्थी भी त्रुटियों, शंकाओं को दूर करके अध्यापकों के सही मार्गदर्शन में शैक्षिक उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफल होते हैं।
सतत् और व्यापक मूल्यांकन अभिभावकों को भी उनके बच्चों की उपलब्धि का आभास करवाता है अभिभावक अपने बच्चों के प्रति सक्रिय और जागरूक होकर बच्चों के सर्वांगीण विकास में पूरा योगदान देते हैं।
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- प्रश्न- शिक्षा में मापन के अर्थ एवं विशेषताओं की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मापन का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक मापन की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मापन की उपयोगिता एवं महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- शिक्षा के क्षेत्र में मूल्यांकन की अवधारणा एवं अर्थ को स्पष्ट करते हुए इसकी उपयोगिता भी स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के क्षेत्र में मूल्यांकन का अर्थ स्पष्ट कीजिए !
- प्रश्न- शिक्षा के क्षेत्र में मूल्यांकन की उपयोगिता स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मापन और मूल्यांकन में सम्बन्ध बताइए।
- प्रश्न- मापन एवं मूल्याँकन में क्या अन्तर है? शिक्षा में इनकी क्या आवश्यकता है?
- प्रश्न- शिक्षा में मूल्यांकन के उद्देश्य और कार्यों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सतत् और व्यापक मूल्यांकन से आप क्या समझते हैं? विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आकलन क्या है तथा आकलन क्यों किया जाता है? विभिन्न विद्वानों द्वारा दी गई परिभाषाओं के आधार पर परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- आकलन के क्षेत्र उनकी आवश्यकता तथा शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में आकलन की भूमिका का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में आकलन के प्रकार तथा इसकी विशेषताएँ एवं उद्देश्यों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आकलन के प्रमुख कार्यों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- आकलन प्रक्रिया के सोपान कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- भौतिक तथा मानसिक मापन क्या होता है? इनका तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
- प्रश्न- सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन का अर्थ एवं परिभाषा दीजिए। सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन के उद्देश्यों तथा उसके स्वरूप का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अच्छे मापन की विशेषतायें बताइये।
- प्रश्न- मापन कितने प्रकार का होता है?
- प्रश्न- शैक्षिक मापन का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मापन के प्रमुख कार्य बताइये।
- प्रश्न- मापन एवं मूल्यांकन के विशिष्ट उद्देश्य बताइए।
- प्रश्न- सतत् तथा व्यापक मूल्यांकन का क्या महत्त्व है? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सतत् और व्यापक मूल्यांकन की विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- परीक्षण मानक को विस्तार से समझाइये।
- प्रश्न- मानक से आप क्या समझते हैं? ये कितने प्रकार के होते है? अच्छे मानकों की विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- मानक कितने प्रकार के होते हैं?
- प्रश्न- अच्छे मानकों की विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- अंकन तथा ग्रेडिंग प्रणाली का अर्थ बताते हुए दोनों के बीच क्या अन्तर है? व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- वर्तमान राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में प्रचलित क्रेडिट सिस्टम क्या है? इसके लाभ और हानि पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मानक परीक्षण 'मानक' क्या होते हैं?
- प्रश्न- मानक क्या है? मानकों के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- उपलब्धि परीक्षण से क्या आशय है? इसके उद्देश्य एवं महत्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- उपलब्धि परीक्षणों के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- उपलब्धि परीक्षणों का महत्त्व स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रमापीकृत परीक्षण का अर्थ स्पष्ट कीजिए तथा इसकी प्रमुख विशेषताओं को बताइये।
- प्रश्न- प्रमापीकृत परीक्षण की प्रमुख विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- एक अच्छे परीक्षण से आप क्या समझते हैं? एक अच्छे परीक्षण की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- एक अच्छे परीक्षण की विशेषतायें बताइये।
- प्रश्न- परीक्षण से आप क्या समझते हैं? इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- परीक्षण की प्रकृति के आधार पर परीक्षणों के प्रकार लिखिए।
- प्रश्न- परीक्षण के द्वारा मापे जा रहे गुणों के आधार पर परीक्षणों के प्रकार लिखिए।
- प्रश्न- परीक्षण के प्रशासन के आधार पर परीक्षणों के विभिन्न प्रकारों को बताइये।
- प्रश्न- परीक्षणों में प्रयुक्त प्रश्नों के आधार पर परीक्षणों के विभिन्न प्रकार लिखिए।
- प्रश्न- प्रश्नों के उत्तर के फलांकन के आधार पर परीक्षणों का वर्गीकरण, कीजिए।
- प्रश्न- परीक्षण में लगने वाले समय के आधार पर परीक्षणों के प्रकार लिखिए।
- प्रश्न- "निबन्धात्मक परीक्षण की कमियों को दूर करने के लिए वस्तुनिष्ठ परीक्षण की आवश्यकता है।" इस कथन के सन्दर्भ में वस्तुनिष्ठ परीक्षण की उपयोगिता का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- निबन्धात्मक परीक्षाओं के गुण एवं दोषों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- निबन्धात्मक परीक्षाओं के दोषों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वस्तुनिष्ठ परीक्षण का अर्थ स्पष्ट कीजिए। इसके उद्देश्य, गुण व दोषों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वस्तुनिष्ठ परीक्षण के उद्देश्य बताइए।
- प्रश्न- वस्तुनिष्ठ परीक्षणों के प्रमुख गुणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वस्तुनिष्ठ परीक्षण के प्रमुख दोषों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- परीक्षणों का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- मापीकृत उपलब्धि परीक्षण और अध्यापककृत उपलब्धि परीक्षणों में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- बुद्धि के प्रत्यय / अवधारणा को बताते हुए उसके अर्थ एवं परिभाषा तथा बुद्धि की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- बुद्धि को परिभाषित कीजिये। इसके विभिन्न प्रकारों तथा बुद्धिलब्धि के प्रत्यय का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि परीक्षण से आप क्या समझते हैं? इसके प्रकारों तथा महत्व का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गिलफोर्ड के त्रिआयामी बुद्धि सिद्धान्त का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- 'बुद्धि आनुवांशिकता से प्रभावित होती है या वातावरण से। स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- बुद्धि के प्रमुख सिद्धान्तों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तिगत एवं सामूहिक बुद्धि परीक्षण से आप क्या समझते हैं? व्यक्तिगत तथा सामूहिक बुद्धि परीक्षण की विशेषताएँ एवं सीमाएँ बताइये।
- प्रश्न- व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण की सीमायें बताइये।
- प्रश्न- सामूहिक बुद्धि परीक्षण से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- सामूहिक बुद्धि परीक्षण की विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- सामूहिक बुद्धि परीक्षण की सीमाएँ बताइए।
- प्रश्न- संवेगात्मक बुद्धि से आप क्या समझते हैं? संवेगात्मक लब्धि के विचार पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- बुद्धि से आप क्या समझते हैं? बुद्धि के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- वंशानुक्रम तथा वातावरण बुद्धि को किस प्रकार प्रभावित करता है?
- प्रश्न- संस्कृति परीक्षण को किस प्रकार प्रभावित करती है?
- प्रश्न- परीक्षण प्राप्तांकों की व्याख्या से क्या आशय है?
- प्रश्न- उदाहरण सहित बुद्धि-लब्धि के प्रत्यन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि परीक्षणों के उपयोग बताइये।
- प्रश्न- बुद्धि लब्धि तथा विचलन बुद्धि लब्धि के अन्तर को उदाहरण सहित समझाइए।
- प्रश्न- बुद्धि लब्धि व बुद्धि के निर्धारक तत्व बताइये।
- प्रश्न- शाब्दिक एवं अशाब्दिक बुद्धि परीक्षणों के अंतर को उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तित्व क्या है? उनका निर्धारण कैसे होता है? व्यक्तित्व की प्रकृति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तित्व के जैविक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक निर्धारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तित्व से आप क्या समझते हैं? इसकी उपयुक्त परिभाषा देते हुए इसके अर्थ को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- व्यक्तित्व कितने प्रकार के होते हैं? विभिन्न मनोवैज्ञानिकों ने व्यक्तित्व का वर्गीकरण किस प्रकार किया है?
- प्रश्न- व्यक्तित्व के विभिन्न उपागमों या सिद्धान्तों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- व्यक्तित्व पर ऑलपोर्ट के योगदान की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।-
- प्रश्न- कैटेल द्वारा बताए गए व्यक्तित्व के शीलगुणों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
- प्रश्न- व्यक्ति के विकास की व्याख्या फ्रायड ने किस प्रकार दी है? संक्षेप में बताइए।
- प्रश्न- फ्रायड ने व्यक्तित्व की गतिकी की व्याख्या किस आधार पर की है?
- प्रश्न- व्यक्तित्व के मनोविश्लेषणात्मक सिद्धान्त की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तित्व के मानवतावादी सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- कार्ल रोजर्स ने अपने सिद्धान्त में व्यक्तित्व की व्याख्या किस प्रकार की है? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तित्व सूचियाँ क्या होती हैं तथा इसके ऐतिहासिक विकास क्रम के बारे में समझाइए?
- प्रश्न- व्यक्तित्व के शीलगुणों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- प्रजातान्त्रिक व्यक्तित्व एवं निरंकुश व्यक्तित्व पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- शीलगुण सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- शीलगुण उपागम में 'बिग फाइव' ( OCEAN) संप्रत्यय की संक्षिप्त व्याख्या दीजिए।
- प्रश्न- प्रक्षेपी प्रविधियों के प्रकार तथा गुण-दोष बताइए।
- प्रश्न- प्रक्षेपी प्रविधियों के गुण बताइए।
- प्रश्न- प्रक्षेपी प्रविधियों के दोष बताइए।
- प्रश्न- प्रक्षेपी विधियाँ किसे कहते हैं? इनका अर्थ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रक्षेपी विधियों की प्रकृति तथा विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- अभिक्षमता क्या है? परिभाषा भी दीजिए तथा अभिक्षमता कितने प्रकार की होती है? अभिक्षमता की विशेषताएँ क्या हैं?
- प्रश्न- अभिक्षमता परीक्षण के मापन पर प्रकाश डालिए।